पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेले गए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में भारतीय टीम ने निराशाजनक प्रदर्शन किया और केवल 150 रनों पर ऑलआउट हो गई। इस मैच में केएल राहुल के आउट होने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। तीसरे अंपायर के फैसले पर कई क्रिकेटरों और विशेषज्ञों ने नाराजगी जाहिर की।
केएल राहुल का विवादास्पद आउट
23वें ओवर में मिचेल स्टार्क की गेंद पर केएल राहुल को विकेटकीपर एलेक्स कैरी ने कैच किया। मैदानी अंपायर ने इसे नॉट आउट करार दिया, लेकिन डीआरएस के बाद तीसरे अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ ने उन्हें आउट दे दिया। हालांकि, स्निकोमीटर पर दिखाए गए स्पाइक को लेकर स्पष्टता नहीं थी कि यह गेंद के बल्ले से टकराने का नतीजा था या बल्ले के पैड से।
क्रिकेटरों की प्रतिक्रिया
- रॉबिन उथप्पा ने इसे “मजाक” करार देते हुए तीसरे अंपायर की आलोचना की।
- वसीम अकरम ने कमेंट्री के दौरान कहा कि “यह भारत और राहुल के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।”
- संजय मांजरेकर और दीपदास गुप्ता ने भी इस निर्णय पर सवाल उठाए।
- वसीम जाफर ने ट्वीट किया, “अगर निर्णायक साक्ष्य नहीं थे तो अंपायर का फैसला क्यों बदला गया।”
आईसीसी के नियम और तकनीकी खामियां
आईसीसी के नियमों के अनुसार, मैदान पर लिए गए निर्णय को पलटने के लिए निर्णायक सबूत जरूरी होते हैं। लेकिन इस मामले में ऐसा प्रतीत हुआ कि तीसरे अंपायर के पास पर्याप्त सबूत नहीं थे। ब्रॉडकास्ट के दौरान एक और एंगल दिखाया गया, जिसने निर्णय की वैधता पर और सवाल खड़े कर दिए।
भारतीय बल्लेबाजी क्रम की नाकामी
भारतीय टीम की पहली पारी में ऋषभ पंत (37 रन), केएल राहुल (26 रन), और नीतीश रेड्डी (41 रन) ही कुछ योगदान दे सके। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी 10 विकेट तेज गेंदबाजी से लिए।
नए खिलाड़ियों का डेब्यू
इस मुकाबले में भारत के लिए नीतीश रेड्डी और हर्षित राणा ने डेब्यू किया, जबकि ऑस्ट्रेलिया के लिए नाथन मैकस्वीनी को पहला टेस्ट खेलने का मौका मिला।
यह विवाद भारत की पारी के लिए निराशाजनक साबित हुआ। हालांकि, भारतीय टीम को आने वाले मैचों में अपनी बल्लेबाजी और रणनीतियों पर ध्यान देने की जरूरत होगी।