संजू सैमसन के लिए मुश्किलें बढ़ीं: विजय हजारे ट्रॉफी और चैंपियंस ट्रॉफी पर संकट

इंग्लैंड के खिलाफ 5 टी20 मैचों की सीरीज के लिए भारतीय स्क्वॉड की घोषणा हो चुकी है। हालांकि, वनडे सीरीज के लिए अभी तक टीम का चयन नहीं हुआ है। बीसीसीआई जल्द ही वनडे सीरीज को लेकर बैठक कर सकती है। लेकिन इस बीच भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन के लिए बुरी खबर सामने आ रही है।

विजय हजारे ट्रॉफी में भाग न लेने से विवाद

बीसीसीआई की नाराजगी

संजू सैमसन ने घरेलू वनडे टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी में हिस्सा नहीं लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीसीसीआई इस फैसले से नाराज है और पूरे मामले की जांच करना चाहती है। बीसीसीआई घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता देने के लिए खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर रही है।

केरल क्रिकेट एसोसिएशन के साथ विवाद

संजू सैमसन ने केरल क्रिकेट एसोसिएशन (केसीए) को सूचित किया था कि वह विजय हजारे ट्रॉफी की तैयारी के कैंप में शामिल नहीं हो सकते। इसके बाद केसीए ने उन्हें टूर्नामेंट से बाहर कर दिया। यह विवाद बीसीसीआई के लिए चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि सैमसन और केसीए के बीच लंबे समय से अनबन चल रही है।

संजू सैमसन के लिए विकल्प क्या हैं?

बीसीसीआई का रुख

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीसीसीआई सैमसन से विजय हजारे ट्रॉफी में भाग न लेने का कारण पूछ सकती है। अगर सैमसन इस पर संतोषजनक जवाब नहीं देते, तो उनकी वनडे और चैंपियंस ट्रॉफी में जगह मुश्किल हो सकती है। बीसीसीआई के सूत्रों का कहना है:

“सैमसन का केसीए के साथ विवाद है, लेकिन यह घरेलू क्रिकेट में भाग न लेने का कारण नहीं हो सकता। उन्हें गलतफहमियों को दूर करना होगा।”

सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भागीदारी

गौरतलब है कि सैमसन ने घरेलू टी20 टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भाग लिया था। बीसीसीआई उनसे उम्मीद कर रही थी कि वह विजय हजारे ट्रॉफी में भी प्रदर्शन करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

क्या सैमसन का चैंपियंस ट्रॉफी से पत्ता कट सकता है?

वनडे और चैंपियंस ट्रॉफी टीम में अपनी जगह पक्की रखने के लिए सैमसन को बीसीसीआई के सवालों का जवाब देना होगा। यदि वह बीसीसीआई को संतुष्ट नहीं कर पाए, तो यह उनके करियर के लिए झटका साबित हो सकता है।

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लेखक के बारे में
क्रिकेट विशेषज्ञ

1987 में कोलकाता में पैदा हुए रोहन शर्मा ने 2012 में पुणे विश्वविद्यालय से स्पोर्ट्स सांख्यिकी में मास्टर्स की डिग्री पूरी की। 2013 से 2020 तक, उन्होंने भारतीय क्रिकेट बोर्ड के साथ सहयोग किया, खिलाड़ियों के एनालिटिक्स और खेल रणनीति के अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित किया। शर्मा ने 16 शैक्षिक पेपर लिखे हैं, मुख्य रूप से गेंदबाजी तकनीकों के विकास और फ़ील्ड प्लेसमेंट के परिवर्तन का समर्थन किया। 2021 में, उन्होंने पत्रकारिता में परिवर्तन किया। शर्मा वर्तमान में क्रिकेट पर विश्लेषणात्मक लेख लिखते हैं, मैच गतिकी और खिलाड़ी रणनीतियों पर दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं, नियमित रूप से विभिन्न खेल-केंद्रित प्लेटफ़ॉर्मों में योगदान करते हैं।

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