ऐतिहासिक टेस्ट मैच रद्द: भारत में पहली बार

Afghanistan vs New Zealand

अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच ग्रेटर नोएडा में खेला जाने वाला एकमात्र टेस्ट मैच 13 सितंबर को बिना एक भी गेंद फेंके रद्द कर दिया गया। यह भारतीय क्रिकेट इतिहास में पहली बार हुआ है, जब किसी टेस्ट मैच को इस तरह रद्द करना पड़ा। खराब मौसम और अव्यवस्थाओं के चलते पांचवें दिन भी खेल संभव नहीं हो सका, जिससे मैच को रद्द करने का निर्णय लिया गया।

मौसम और अव्यवस्था बनीं कारण

इस मैच में खराब मौसम का मुख्य योगदान रहा, लेकिन केवल बारिश ही इसका कारण नहीं थी। ग्राउंड स्टाफ मैदान को बचाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुआ। पिच को ढकने के लिए जो साधन थे, वे भी पर्याप्त नहीं थे, जिससे मैदान लगातार गीला रहा। हालात इतने खराब थे कि मैदान सुखाने के लिए पंखे और कवर तक टेंट हाउस से मंगाए गए, फिर भी मैदान खेल के लिए तैयार नहीं हो सका।

91 साल में पहली बार भारत में ऐसा

भारत में टेस्ट क्रिकेट का इतिहास 1933 में शुरू हुआ था, जब मुंबई के जिमखाना ग्राउंड में पहला मैच खेला गया था। लेकिन यह पहला मौका था जब भारतीय धरती पर किसी टेस्ट मैच को बिना एक भी गेंद फेंके रद्द करना पड़ा। इससे पहले, ऐसा 1998 में पाकिस्तान और जिम्बाब्वे के बीच फैसलाबाद में खेले गए एक टेस्ट मैच में हुआ था, जिसे कोहरे के कारण रद्द करना पड़ा था।

टेस्ट क्रिकेट में बिना गेंद फेंके रद्द मैचों की सूची

  1. इंग्लैंड vs ऑस्ट्रेलिया (1890)
  2. इंग्लैंड vs ऑस्ट्रेलिया (1938)
  3. ऑस्ट्रेलिया vs इंग्लैंड (1970)
  4. न्यूजीलैंड vs पाकिस्तान (1989)
  5. वेस्टइंडीज vs इंग्लैंड (1990)
  6. पाकिस्तान vs जिम्बाब्वे (1998)
  7. न्यूजीलैंड vs भारत (1998)
  8. अफगानिस्तान vs न्यूजीलैंड (2024)

ग्रेटर नोएडा स्टेडियम पर संकट

इस मैच के बाद ग्रेटर नोएडा स्टेडियम की समीक्षा होगी, और संभावना है कि इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) इस मैदान को डिमेरिट पॉइंट्स दे सकती है। अगर पिच और मैदान को कुल 6 डिमेरिट पॉइंट्स दिए जाते हैं, तो इस स्टेडियम को अनफिट घोषित कर दिया जाएगा। इससे भविष्य में यहां अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी पर भी सवाल उठ सकते हैं।

आगे की उम्मीदें

हालांकि, यह मैच रद्द हो गया, लेकिन अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड की टीमें अब अपनी आगामी सीरीज की तैयारियों में जुट जाएंगी। यह घटना भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज हो गई है, और इसे सुधारने के लिए भविष्य में ग्राउंड स्टाफ और आयोजन व्यवस्थाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

आपको भी पसंद आएगा
लेखक के बारे में
क्रिकेट विशेषज्ञ

1987 में कोलकाता में पैदा हुए रोहन शर्मा ने 2012 में पुणे विश्वविद्यालय से स्पोर्ट्स सांख्यिकी में मास्टर्स की डिग्री पूरी की। 2013 से 2020 तक, उन्होंने भारतीय क्रिकेट बोर्ड के साथ सहयोग किया, खिलाड़ियों के एनालिटिक्स और खेल रणनीति के अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित किया। शर्मा ने 16 शैक्षिक पेपर लिखे हैं, मुख्य रूप से गेंदबाजी तकनीकों के विकास और फ़ील्ड प्लेसमेंट के परिवर्तन का समर्थन किया। 2021 में, उन्होंने पत्रकारिता में परिवर्तन किया। शर्मा वर्तमान में क्रिकेट पर विश्लेषणात्मक लेख लिखते हैं, मैच गतिकी और खिलाड़ी रणनीतियों पर दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं, नियमित रूप से विभिन्न खेल-केंद्रित प्लेटफ़ॉर्मों में योगदान करते हैं।

आपकी टिप्पणी को छोड़ दो
हर कोई आपकी टिप्पणी देखेगा