सुनील छेत्री ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ की थी। वे 94 अंतरराष्ट्रीय गोल के साथ सबसे ज्यादा गोल करने वाले चौथे खिलाड़ी हैं। सक्रिय खिलाड़ियों में, क्रिस्टियानो रोनाल्डो, अली डेई और लियोनेल मेस्सी के बाद सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले तीसरे खिलाड़ी हैं। उन्हें 2011 में अर्जुन पुरस्कार और 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
सुनील छेत्री ने की अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास की घोषणा
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास लेने की घोषणा की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो जारी कर बताया कि वह अपना आखिरी मुकाबला छह जून को कुवैत के खिलाफ खेलेंगे।
अपने शानदार करियर में छेत्री ने छह बार एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार जीता। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उन्होंने 2008 में एएफसी चैलेंज कप, 2011 और 2015 में एसएएफएफ चैंपियनशिप, 2007, 2009 और 2012 में नेहरू कप, और 2017 में इंटरकांटिनेंटल कप में खिताब जीते।
सुनील ने शौकिया तौर पर फुटबॉल खेलना 2002 में शुरू किया था और 17 वर्ष की उम्र में मोहन बागान क्लब से जुड़े। उन्होंने 20 वर्ष की उम्र में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय गोल किया। 2008 में एएफसी चैलेंज कप के फाइनल में ताजिकिस्तान के खिलाफ सुनील ने तीन गोल किए थे, जिससे भारतीय टीम 27 साल बाद एएफसी एशियन कप के लिए क्वालिफाई कर पाई। 2010-11 में उन्हें कंसास सिटी विजार्ड्स फुटबॉल क्लब ने अपनी टीम में शामिल किया, जिससे वह भारत की आजादी के बाद विदेशी प्रोफेशनल लीग में शामिल होने वाले दूसरे खिलाड़ी बने।
भारतीय फुटबॉल का चमकता सितारा
2013 में पुर्तगाली क्लब से हटने के बाद, सुनील छेत्री बेंगलुरु फुटबॉल क्लब से जुड़े। इस दौरान उन्होंने 23 मुकाबलों में 14 गोल और सात एसिस्ट किए। 2015 में सुनील ने 50 अंतरराष्ट्रीय गोल पूरे किए थे, और ऐसा करने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर बने थे।
2017 में किर्गिस्तान के खिलाफ, सुनील ने 69वें मिनट में गोल दागकर इतिहास रचा था। उनके इस गोल की बदौलत भारत ने 2019 एशिया कप के लिए क्वालिफाई किया था और वह फीफा की शीर्ष 100 रैंकिंग में शुमार हो गए थे।
2018 में इंटरकॉन्टिनेंटल कप के दौरान, सुनील दुनिया के तीसरे सबसे सक्रिय अंतरराष्ट्रीय गोल स्कोरर बने थे, डेविड विला के साथ। हाल ही में, चार जून को सुनील ने अपना 100वां अंतरराष्ट्रीय मैच खेला, जिसमें केनिया के खिलाफ उन्होंने दो गोल दागे। वह 100वां अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले दूसरे भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी हैं।