पंजाब किंग्स ने चेन्नई सुपर किंग्स को उनके ही घर में हराकर दिखा दिया कि युवा समझदारी क्रिकेट के फटाफट फॉर्मेट में अनुभव पर भारी पड़ सकती है। अजीत अगरकर और उनके साथी चयनकर्ताओं ने जून में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए अनुभवी खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी है, लेकिन इस मैच से उन्हें फिर से सोचने की जरूरत है। खासकर जब पंजाब की टीम में राहुल चहर और हरप्रीत बरार जैसे नए खिलाड़ी हों, जिनके पास कम अंतरराष्ट्रीय अनुभव है पर उन्होंने मैच में असरदार प्रदर्शन किया।
क्रिकेट मैच का स्पिन जोड़ी विश्लेषण
रवींद्र जडेजा और मोईन अली, जो 146 टी20 और 465 अंतरराष्ट्रीय मैचों के अनुभवी खिलाड़ी हैं, का सामना चेपॉक की स्पिन-अनुकूल पिच पर हुआ। इस पिच पर उन्होंने 5 ओवर में 44 रन दिए और कोई विकेट नहीं ले पाए। इसके विपरीत, पंजाब की चहर-बरार स्पिन जोड़ी ने 8 ओवर में मात्र 33 रन देकर 4 विकेट लिए, जिससे उन्होंने इस सीजन का सर्वश्रेष्ठ स्पिन गेंदबाजी प्रदर्शन किया। यह तुलनात्मक प्रदर्शन ही मैच के परिणाम को निर्धारित करता प्रतीत होता है।
आईपीएल प्रदर्शन पर भारतीय क्रिकेट टीम के चिंता के बादल
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ के लिए यह आईपीएल मैच चिंता का विषय बन सकता है। ऑलराउंडर के रूप में चुने गए जडेजा ने एक बार फिर बल्लेबाजी में संघर्ष किया, मात्र चार गेंदों पर दो रन बना पाए। हालांकि जडेजा का प्रदर्शन पिछले तीन वर्षों में टेस्ट क्रिकेट में उल्लेखनीय रहा है, उनका टी20 फॉर्म गिरावट पर है।
शिवम दुबे को पहली बार रितुराज गायकवाड ने गेंद थमाई, लेकिन वह सिर्फ एक ओवर में 14 रन देकर वापस नहीं बुलाए गए, भले ही उन्होंने अपनी पहली गेंद पर विकेट हासिल की थी। क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों ने इस बात पर भी हैरानी व्यक्त की कि दीपक चाहर को आखिरी बार अजित अगरकर और उनकी टीम ने टी20 विश्व कप के लिए क्यों नहीं चुना, जबकि वह आठवें नंबर पर तेजी से रन बना सकते हैं और पावर-प्ले में प्रभावशाली गेंदबाजी करते हैं।
इस आईपीएल मैच में उनकी फिटनेस समस्या सामने आई, जिससे उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा और इसका लाभ विरोधी पंजाब के बल्लेबाजों ने उठाया।
बरार की प्रेरणादायी क्रिकेट यात्रा
इस आईपीएल मैच को न केवल इसलिए याद किया जाएगा कि भारतीय टीम के टी-20 वर्ल्ड कप जाने वाले खिलाड़ियों ने क्या किया, बल्कि यह मैच पंजाब के बाएं हाथ के स्पिनर बरार के कारण भी यादगार रहेगा। बरार ने अपनी प्रेरणा, युवराज सिंह, को देखकर क्रिकेट खेलना शुरू किया था, जिन्होंने 2007 के टी20 वर्ल्ड कप में स्टुअर्ट ब्रॉड की गेंदों पर लगातार 6 छक्के जड़े थे। बरार की कहानी वित्तीय संकटों से लड़ते हुए भी प्रेरणादायी है। एक समय पर कनाडा जाने का मन बना चुके बरार को पंजाब के पूर्व खिलाड़ी गुरकीरत सिंह मान ने प्रोत्साहित किया।
बरार ने पहली बार 2020 के आईपीएल में सुर्खियों में आते हुए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ विराट कोहली, एबी डिविलियर्स और ग्लैन मैक्सवेल जैसे दिग्गज बल्लेबाजों को आउट करके इतिहास रच दिया था।
बरार का प्रभावशाली प्रदर्शन: मैच के महत्वपूर्ण क्षण
बुधवार को बरार ने 4 ओवर में केवल 17 रन खर्च करते हुए 2 महत्वपूर्ण विकेट हासिल किए, जिसमें अजिंक्य रहाणे का विकेट भी शामिल था। इससे भी बड़ी बात यह रही कि ‘स्पिन हिटर’ के रूप में प्रसिद्ध शिवम दुबे को उन्होंने पहली ही गेंद पर एलबीडब्ल्यू से आउट किया।
मैच का यदि कोई एक निर्णायक क्षण था, तो वह शायद यही था। बरार ने अपने 4 ओवर के स्पैल में 10 डॉट बॉल फेंकी और ‘मैन ऑफ द मैच’ का खिताब भी जीता।
चेन्नई की असफलता की कहानी
वास्तव में, चेन्नई के लिए इस मैच में जितनी समस्याएं आ सकती थीं, सभी आ गईं। दूसरी पारी में ओस की समस्या के चलते उनकी गेंदबाजी प्रभावित हुई।
इस मैच में पहली बार जब उन्हें महेंद्र सिंह धोनी से तेज़ और आक्रामक पारी की उम्मीद थी, वे निराश कर गए।
धोनी ने 11 गेंदों में एक चौका और एक छक्का जरूर लगाया, परंतु डेरेल मिशेल के साथी होने के बावजूद आखिरी क्षणों में उनका रन के लिए न दौड़ पाना अजीब लगा।
इस सीज़न में यह पहली बार था जब धोनी आउट हुए, हालांकि अब तक कोई गेंदबाज उनका विकेट नहीं ले सका है।
वे रन आउट हो गए और उनकी टीम ने पर्याप्त रन नहीं बनाए, जिससे रणनीति के मामले में भी वे पंजाब के सामने पिछड़ गए।
आईपीएल में प्रतिस्पर्धी टीमों की स्थिति और उनके प्रदर्शन का विश्लेषण
इस खास प्रतिद्वंद्वी के सामने अपने करियर में पांचवीं बार हारने के कारण, उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा। इस दौरान, आईपीएल इतिहास में केवल मुंबई इंडियंस ने ही इस महारथी टीम के खिलाफ लगातार पांच जीत का रिकॉर्ड बनाया था।
अंकतालिका में अब तक चेन्नई 10 मैचों के बाद 10 अंकों के साथ चौथे स्थान पर है, लेकिन सनराइजर्स हैदराबाद और दिल्ली कैपिटल्स भी इतने ही अंकों के साथ उन्हें टक्कर दे रहे हैं। पंजाब किंग्स ने पिछले तीन मैचों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और उन्होंने 10 मैचों में 8 अंक हासिल किए हैं, जो प्ले-ऑफ की उम्मीदों को जगाते हैं।
यदि चेन्नई के खिलाफ खेली गई उनकी आक्रामक शैली अगले चार मैचों में भी बरकरार रहती है, तो उनके लिए प्ले-ऑफ की संभावनाएं और भी मजबूत हो सकती हैं।