थकान में सच बोले शाकिब: जानबूझकर चकिंग की कबूलियत

काउंटी में जानबूझकर गलत एक्शन, फिर ECB का बैन

बांग्लादेश के स्टार ऑलराउंडर शाकिब अल हसन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।
उन्होंने माना कि इंग्लैंड में सरे की ओर से काउंटी क्रिकेट खेलते समय वह इतनी शारीरिक थकान में थे कि उन्होंने गेंदबाजी करते हुए जानबूझकर चकिंग (अवैध एक्शन) का सहारा लिया।

इसी के बाद ECB ने उन्हें अपनी प्रतियोगिताओं में गेंदबाजी से प्रतिबंधित किया, जब लॉफबरो यूनिवर्सिटी में उनकी एक्शन टेस्टिंग में उनका बॉलिंग एक्शन अवैध पाया गया।

“हां, मैं जानबूझकर ऐसा कर रहा था” – शाकिब

‘बियर्ड बिफोर विकेट’ पॉडकास्ट पर शाकिब ने खुलकर बात की।
उन्होंने कहा कि सरे के लिए एक मैच में दोनों पारियों को मिलाकर करीब 65–70 ओवर फेंकने पड़े, जो उनके करियर के लिए असामान्य वर्कलोड था।

शाकिब ने स्वीकार किया:
उन्हें महसूस हो रहा था कि उनका एक्शन बिगड़ गया है और वह सही तरीके से गेंद नहीं फेंक रहे,
और हां, वह यह सब जानबूझकर कर रहे थे, क्योंकि शरीर पर दबाव इतना ज्यादा था कि वे “नॉर्मल एक्शन” से गेंद नहीं कर पा रहे थे।

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पाकिस्तान सीरीज के बाद सीधे इंग्लैंड, शरीर ने जवाब देना शुरू किया

शाकिब ने बताया कि यह थकान क्यों आई।
वह पाकिस्तान के खिलाफ लगातार दो टेस्ट खेलकर आए थे, सीरीज जीतने के तुरंत बाद इंग्लैंड पहुंचे और बिना पर्याप्त आराम के काउंटी में लंबे स्पेल डालने लगे।

उनके मुताबिक, शरीर पर इतना भार था कि ओवरलोड की वजह से एक्शन स्वाभाविक नहीं रह गया।
उन्हें लगा था कि अंपायर पहले चेतावनी देंगे, लेकिन नियम साफ थे, इसलिए उन्होंने फैसले पर कोई शिकायत नहीं की।

वर्कलोड और शेड्यूल को लेकर कड़ा संदेश

शाकिब ने इस घटना के बहाने आधुनिक क्रिकेट के शेड्यूल पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि लगातार मैच, लंबे स्पेल और कम रिकवरी टाइम किसी भी गेंदबाज के करियर को गहरे स्तर तक प्रभावित कर सकते हैं।

उनके अनुसार, ओवरवर्किंग और खराब शेड्यूल मैनेजमेंट की वजह से खिलाड़ियों पर इतना दबाव बनता है कि कई बार वे अपने एक्शन और फिटनेस दोनों से समझौता करने पर मजबूर हो जाते हैं – और उनके साथ काउंटी में हुआ वही इसका उदाहरण है।

लेखक के बारे में
क्रिकेट विशेषज्ञ

1987 में कोलकाता में पैदा हुए रोहन शर्मा ने 2012 में पुणे विश्वविद्यालय से स्पोर्ट्स सांख्यिकी में मास्टर्स की डिग्री पूरी की। 2013 से 2020 तक, उन्होंने भारतीय क्रिकेट बोर्ड के साथ सहयोग किया, खिलाड़ियों के एनालिटिक्स और खेल रणनीति के अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित किया। शर्मा ने 16 शैक्षिक पेपर लिखे हैं, मुख्य रूप से गेंदबाजी तकनीकों के विकास और फ़ील्ड प्लेसमेंट के परिवर्तन का समर्थन किया। 2021 में, उन्होंने पत्रकारिता में परिवर्तन किया। शर्मा वर्तमान में क्रिकेट पर विश्लेषणात्मक लेख लिखते हैं, मैच गतिकी और खिलाड़ी रणनीतियों पर दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं, नियमित रूप से विभिन्न खेल-केंद्रित प्लेटफ़ॉर्मों में योगदान करते हैं।

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