राधिका यादव: अंतरराष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी को पिता ने रसोई में गोली मारी, पिता के शब्दों में दिल दहलाने वाली कहानी

गुरुग्राम में त्रासदी

10 जुलाई 2025 को सुबह 10:30 बजे हरियाणा के गुरुग्राम में, सुशांत लोक फेज-2, सेक्टर 57 में 25 वर्षीय अंतरराष्ट्रीय जूनियर टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की उनके पिता दीपक यादव ने गोली मारकर हत्या कर दी। दीपक ने अपनी लाइसेंस प्राप्त .32 बोर रिवॉल्वर से पांच गोलियां चलाईं, जिनमें से तीन राधिका की पीठ में लगीं, जब वह रसोई में खाना बना रही थी। उन्हें एशिया मारिंगो अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। गुरुग्राम पुलिस ने दीपक को हिरासत में लिया, जिसने अपराध कबूल किया, इसे सामाजिक दबाव और राधिका की टेनिस अकादमी बंद करने के विवाद से जोड़ा।

दीपक यादव के शब्द

पुलिस को दिए बयान में 49 वर्षीय बिल्डर दीपक ने कहा: “राधिका एक शानदार खिलाड़ी थी, उसने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेडल जीते। हमें उस पर गर्व था। लेकिन तीन महीने पहले उसे कंधे में चोट लगी, जिसके बाद उसने टेनिस खेलना बंद कर दिया और एक अकादमी खोली। लोग मुझ पर ताने मारते थे कि मैं अपनी बेटी की कमाई खा रहा हूं। मैंने कई बार राधिका से अकादमी बंद करने को कहा, लेकिन उसने मना कर दिया। गुरुवार को भी मैंने उसे रोका, लेकिन उसने मेरी बात नहीं मानी और झगड़ा शुरू हो गया। लोगों के तानों से तंग आकर मैंने गुस्से में उसे गोली मार दी।”

परिवार और पुलिस की जानकारी

दीपक के भाई कुलदीप यादव ने शिकायत दर्ज की: “मैं सुबह नीचे था जब मुझे गोली की आवाज सुनाई दी। पहली मंजिल पर गया तो राधिका रसोई में खून से लथपथ थी। ड्रॉइंग रूम में पिस्तौल पड़ी थी। मैं और मेरा बेटा उसे अस्पताल ले गए, लेकिन वह मर चुकी थी। दीपक पास में बैठा था।” पुलिस के प्रारंभिक जांच में पता चला कि राधिका की अकादमी अच्छा मुनाफा दे रही थी, लेकिन दीपक को पड़ोसियों के ताने (“तू बेटी की कमाई खाता है”) परेशान कर रहे थे। परिवार के अनुसार, पिछले 15 दिनों से घर में रोज झगड़े हो रहे थे।

राधिका की कहानी

राधिका, जो हरियाणा की वजीराबाद गाँव की रहने वाली थी, ने 2018 में जूनियर ITF रैंकिंग में टॉप-100 में जगह बनाई थी। उसने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में मेडल जीते, जिसमें 2022 में ITF फ्यूचर्स में कांस्य शामिल था। कंधे की चोट (2025 की शुरुआत) ने उनके करियर को रोक दिया, जिसके बाद उन्होंने गुरुग्राम में टेनिस अकादमी खोली, जहां 50 से अधिक बच्चे प्रशिक्षण ले रहे थे। अकादमी की आय (लगभग ₹20 लाख सालाना) ने दीपक को सामाजिक दबाव में डाला, क्योंकि वह इसे बंद करना चाहता था, यह कहते हुए कि परिवार “धनी” है और अकादमी की जरूरत नहीं।

सामाजिक और कानूनी पहलू

पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल दावों को खारिज किया कि हत्या रील बनाने के लिए की गई। सेक्टर 57 पुलिस स्टेशन के प्रभारी विनोद कुमार ने कहा, “यह पारिवारिक विवाद था। दीपक ने सामाजिक तानों के कारण गुस्से में हत्या की।” दीपक के खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है, और रिवॉल्वर जब्त कर लिया गया। जांच में यह भी पता चला कि दीपक ने अकादमी के लिए ₹1.25 करोड़ का निवेश किया था, लेकिन उसे लगता था कि यह “उसकी प्रतिष्ठा” को नुकसान पहुंचा रहा है।

आगे क्या?

राधिका की हत्या ने खेल जगत को झकझोर दिया है, खासकर हरियाणा में, जहां वह युवा टेनिस खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा थी। X पर प्रशंसक इसे “पितृसत्तात्मक हिंसा” का उदाहरण बता रहे हैं, जबकि कुछ दीपक के “सम्मान” के दबाव को सामाजिक रूढ़ियों से जोड़ते हैं। पुलिस 12 जुलाई को दीपक को अदालत में पेश करेगी, और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से गोलीबारी की पुष्टि होगी। राधिका की अकादमी अस्थायी रूप से बंद है, लेकिन उनके कोच और छात्रों ने श्रद्धांजलि सभा की योजना बनाई है। यह घटना भारत में खेल और परिवार के बीच तनाव पर बहस छेड़ सकती है।

लेखक के बारे में
क्रिकेट विशेषज्ञ

1987 में कोलकाता में पैदा हुए रोहन शर्मा ने 2012 में पुणे विश्वविद्यालय से स्पोर्ट्स सांख्यिकी में मास्टर्स की डिग्री पूरी की। 2013 से 2020 तक, उन्होंने भारतीय क्रिकेट बोर्ड के साथ सहयोग किया, खिलाड़ियों के एनालिटिक्स और खेल रणनीति के अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित किया। शर्मा ने 16 शैक्षिक पेपर लिखे हैं, मुख्य रूप से गेंदबाजी तकनीकों के विकास और फ़ील्ड प्लेसमेंट के परिवर्तन का समर्थन किया। 2021 में, उन्होंने पत्रकारिता में परिवर्तन किया। शर्मा वर्तमान में क्रिकेट पर विश्लेषणात्मक लेख लिखते हैं, मैच गतिकी और खिलाड़ी रणनीतियों पर दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं, नियमित रूप से विभिन्न खेल-केंद्रित प्लेटफ़ॉर्मों में योगदान करते हैं।

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