
बुची बाबू ट्रॉफी में दमदार शतक से किया डेब्यू यादगार
टीम इंडिया से बाहर चल रहे पृथ्वी शॉ ने घरेलू क्रिकेट में शानदार वापसी की है। महाराष्ट्र की ओर से डेब्यू करते हुए उन्होंने छत्तीसगढ़ के खिलाफ बुची बाबू ट्रॉफी 2025 में 111 रनों की पारी खेली। उनकी यह शतकीय पारी टीम के कुल 217 रन में सबसे बड़ी योगदान साबित हुई। छत्तीसगढ़ ने पहले खेलते हुए 242 रन बनाए थे और शॉ के अलावा कोई भी बल्लेबाज बड़ा स्कोर नहीं कर सका। इस पारी ने एक बार फिर दिखा दिया कि 25 वर्षीय बल्लेबाज अभी भी बड़े मंच पर वापसी का दम रखते हैं।
छोटी-छोटी सुधारों से मिली बड़ी प्रेरणा
मैच के बाद शॉ ने बताया कि उन्होंने अपने खेल में किसी बड़े बदलाव की जगह छोटे-छोटे सुधार किए हैं। उन्होंने कहा कि वह वही करने लगे हैं जो अपने अंडर-19 दिनों में करते थे — नेट्स में कड़ी प्रैक्टिस, जिम और रनिंग। यही साधारण लेकिन निरंतर मेहनत उनके प्रदर्शन में फर्क ला रही है। शॉ ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया से दूरी बनाकर वे खुद को ज्यादा शांत महसूस करते हैं।
‘मुझे सहानुभूति नहीं चाहिए’ — शॉ का बड़ा बयान
शतक के बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें किसी पूर्व खिलाड़ी या साथी से बधाई मिली, तो शॉ ने साफ कहा: “नहीं, मुझे किसी की हमदर्दी नहीं चाहिए। मेरे परिवार और दोस्त मेरे साथ हैं। जब मैं मानसिक रूप से ठीक नहीं था तब भी वे मेरे साथ खड़े थे।” उन्होंने स्वीकार किया कि जीवन में उतार-चढ़ाव रहे हैं लेकिन वे हर बार शून्य से शुरुआत करने में हिचकते नहीं और पूरी तरह मेहनत पर भरोसा करते हैं।
आगे का रास्ता
पृथ्वी शॉ की यह शतकीय पारी उन्हें घरेलू क्रिकेट में आत्मविश्वास दिलाने वाली साबित हो सकती है। टीम इंडिया में वापसी की उम्मीदों के बीच यह प्रदर्शन एक मजबूत संदेश है कि वह अब भी बड़े मंच पर खेलने के लिए तैयार हैं। यदि इस सीज़न में उनका बल्ला लगातार चलता रहा, तो चयनकर्ताओं का ध्यान फिर से उन पर जाना तय है।