पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय एथलीट्स ने अब तक अद्वितीय प्रदर्शन किया है, जिसमें 21 पदक जीतकर भारत ने अपनी स्थिति को मजबूत किया है। भारत इस पैरालंपिक में 25 से अधिक पदक जीतने के लक्ष्य के साथ मैदान में उतरा है, और अब तक की उपलब्धियों से यह संभावना और भी प्रबल हो गई है।
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भारतीय खिलाड़ियों ने सोमवार को आठ पदक और मंगलवार को पांच पदक जीते, जबकि बुधवार को एक पदक जीतने के साथ अब तक कुल 21 पदक प्राप्त किए हैं। इस बार भारतीय दल में 84 खिलाड़ी शामिल हैं, जो 12 अलग-अलग खेलों में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। यह टोक्यो पैरालंपिक 2020 से तीन खेल ज्यादा हैं, जिसमें भारत के पास 19 पदक थे।
क्या टूटेगा टोक्यो पैरालंपिक का रिकॉर्ड?
टोक्यो पैरालंपिक 2020 भारत के लिए अब तक का सबसे सफल पैरालंपिक रहा था, जहां भारतीय एथलीट्स ने कुल 19 पदक जीते थे, जिसमें पांच स्वर्ण, आठ रजत और छह कांस्य पदक शामिल थे। पेरिस पैरालंपिक में भारत पहले ही 20 पदकों के साथ टोक्यो का रिकॉर्ड तोड़ चुका है, हालांकि स्वर्ण पदकों की संख्या अब भी टोक्यो से कम है। इस बार भारत ने अब तक तीन स्वर्ण पदक जीते हैं, लेकिन एथलीट्स के पास और भी स्वर्ण जीतने का मौका है।
पदक विजेता एथलीट्स
अब तक अवनि लेखरा (निशानेबाजी) और सुमित अंतिल (एथलेटिक्स) ने स्वर्ण पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित किया है। इसके अलावा, मनीष नरवाल (निशानेबाजी), मोना अग्रवाल (निशानेबाजी), और प्रीति पाल (एथलेटिक्स) जैसे खिलाड़ियों ने कांस्य पदक जीते हैं।
भारत के लिए ऐतिहासिक अवसर
इस बार पेरिस पैरालंपिक 2024 भारतीय खिलाड़ियों के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। जहां एक ओर टोक्यो पैरालंपिक का रिकॉर्ड तोड़ने का अवसर है, वहीं दूसरी ओर यह भारत के लिए पैरालंपिक खेलों में अपनी पहचान और मजबूत करने का मौका है। पैरालंपिक में भारत ने अब तक कुल 12 स्वर्ण, 19 रजत और 20 कांस्य पदक जीते हैं।
भविष्य की उम्मीदें
भारतीय एथलीट्स की लगातार मेहनत और प्रतिबद्धता को देखते हुए ऐसा लगता है कि इस बार भारत 25 पदकों का अपना लक्ष्य जरूर पूरा करेगा। आने वाले दिनों में और भी पदकों की उम्मीद है, जिससे भारत एक नया इतिहास रच सकता है।