पेरिस 2024: ओलंपिक की तैयारी और चुनौतियाँ

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पेरिस में ओलंपिक खेलों की तैयारी ज़ोरों पर है। यह आयोजन 26 जुलाई 2024 को शुरू होगा। इस बार, पेरिस शहर ख़ुद ही आयोजन स्थल बन गया है, जिससे नए निर्माण की जगह मौजूदा बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य बजट को बचाना और पर्यावरण पर असर को कम करना है।

पेरिस के प्रसिद्ध स्थलों का उपयोग खेलों के आयोजन के लिए किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, आइफ़ल टावर के पास बीचबॉल के मुकाबले होंगे और उद्घाटन समारोह सीन नदी पर आयोजित किया जाएगा। यह पहली बार है जब ओलंपिक खेलों का आयोजन इस प्रकार से किया जा रहा है।

स्थानीय निवासियों की चिंताएं

हालांकि, इन तैयारियों के कारण स्थानीय निवासियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। शहर में आने-जाने के लिए अब विशेष अनुमति की आवश्यकता है। कुछ निवासियों को अपने घरों से बाहर जाने के लिए कहा गया है, ख़ासकर जो आयोजन स्थलों के पास रहते हैं। सुरक्षा कारणों से, आयोजकों ने कई इमारतों का उपयोग अपने हित में कर लिया है।

पर्यावरण और संसाधनों का प्रबंधन

ओलंपिक खेलों की योजना ‘सर्कुलर इकोनॉमी’ मॉडल पर आधारित है, जिसका मतलब है कि मौजूदा सामग्री को पुनः उपयोग में लाना। खेलों के दौरान करीब 20 लाख उपकरणों का उपयोग किया जाएगा, जिनमें से अधिकतर किराए पर लिए गए हैं या उधार लिए गए हैं। आयोजकों ने इलेक्ट्रिक, हाइब्रिड और हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों का उपयोग करने का निर्णय लिया है।

लैंगिक समानता की दिशा में कदम

इस बार ओलंपिक में लैंगिक समानता को भी प्रमुखता दी जा रही है। 10,500 एथलीटों में से आधी महिलाएं होंगी, जो खेलों में लैंगिक समानता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 1972 के म्यूनिख खेलों में महिलाओं की भागीदारी 20 प्रतिशत से भी कम थी, जबकि पेरिस ओलंपिक में यह संख्या 50 प्रतिशत होगी।

उत्साह और उम्मीदें

पेरिस के निवासियों और खेल प्रेमियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण मौका है। ओलंपिक खेल न केवल खेलों की उत्कृष्टता को बढ़ावा देते हैं बल्कि यह भी दिखाते हैं कि कैसे एक शहर अपने मौजूदा संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग कर सकता है। इस आयोजन से पेरिस शहर में एक नए उत्साह का संचार हुआ है और दुनिया भर के लोग इस खेल महोत्सव का आनंद लेने के लिए उत्सुक हैं।

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लेखक के बारे में
क्रिकेट विशेषज्ञ

1987 में कोलकाता में पैदा हुए रोहन शर्मा ने 2012 में पुणे विश्वविद्यालय से स्पोर्ट्स सांख्यिकी में मास्टर्स की डिग्री पूरी की। 2013 से 2020 तक, उन्होंने भारतीय क्रिकेट बोर्ड के साथ सहयोग किया, खिलाड़ियों के एनालिटिक्स और खेल रणनीति के अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित किया। शर्मा ने 16 शैक्षिक पेपर लिखे हैं, मुख्य रूप से गेंदबाजी तकनीकों के विकास और फ़ील्ड प्लेसमेंट के परिवर्तन का समर्थन किया। 2021 में, उन्होंने पत्रकारिता में परिवर्तन किया। शर्मा वर्तमान में क्रिकेट पर विश्लेषणात्मक लेख लिखते हैं, मैच गतिकी और खिलाड़ी रणनीतियों पर दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं, नियमित रूप से विभिन्न खेल-केंद्रित प्लेटफ़ॉर्मों में योगदान करते हैं।

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