
लंदन में ओवल क्रिकेट मैदान के पवेलियन के सामने, जेएम फ़िन स्टैंड की सीढ़ियाँ बीबीसी के टेस्ट मैच स्पेशल कार्यक्रम के कॉमेंट्री बॉक्स तक जाती हैं।
इन सीढ़ियों का इस्तेमाल मीडिया और दर्शक, दोनों करते हैं।
इंग्लैंड और भारत के बीच रोमांचक पाँचवां टेस्ट ख़त्म होने के कुछ घंटे बाद मैदान ख़ाली हो रहा था।
इन्हीं सीढ़ियों पर बाएँ पैर का एक जूता पड़ा हुआ था. थोड़ा आगे कुछ अंडरवियर थे और फिर दाएँ पैर का जूता पड़ा था।
साइज़ को देखते हुए ये सारा सामान किसी पुरुष का लग रहा था।
यह पता नहीं चला कि उस व्यक्ति के ये जूते और अंडरवियर यहाँ कैसे छूट गए। लेकिन इससे ये तो तय था कि मैदान से कोई न कोई व्यक्ति बिना जूतों और पैंट के घर गया होगा।
यह घटना बिल्कुल उसी अफ़रा-तफ़री जैसी है, जो सोमवार की सुबह पहले ही देखने को मिल चुकी थी।
ओवल के मैदान पर 57 मिनट तक तेज़, रोमांचक और भावनाओं से भरा खेल (क्रिकेट) हुआ।
25 दिनों तक खेली गई उत्साह से भरपूर टेस्ट क्रिकेट सिरीज़ का फ़ैसला एक हाथ से बैटिंग करने उतरे खिलाड़ी पर टिका था, जो दर्द झेलता हुए इस 22 गज की पिच की ओर बढ़ रहा था।
पिछली शाम (रविवार) को भी काफ़ी उतार-चढ़ाव देखने को मिला था। जब खेल एक नाज़ुक मोड़ पर पहुँचा, तो बारिश और ख़राब रोशनी के कारण खिलाड़ी वापस ड्रेसिंग रूम चले गए।
अब सबकी निगाहें सोमवार सुबह पर टिकी थीं। इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन चाहिए थे और भारत को चार विकेट।
रविवार को ओवल का स्टेडियम पूरी तरह भरा था, लेकिन सवाल यह था कि सोमवार को क्या कोई स्टेडियम में आने की ज़हमत उठाएगा?
लेकिन लोग आए। ऐतिहासिक ओवल मैदान पर शोर था और लोग थोड़े नर्वस भी थे।
इस माहौल को देखकर 2005 का बर्मिंघम में हुआ एशेज़ का मैच याद आ गया।
तब एजबेस्टन का मैदान महज़ दो गेंदों के एक्शन के लिए खचाखच भर गया था।
ठीक उस दिन की तरह सोमवार को भी दर्शकों को पैसा वसूल मनोरंजन मिला।
तब इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को दो रनों से हराया था और सोमवार को इंग्लैंड के ख़िलाफ़ भारत छह रनों से जीत गया। दोनों मुक़ाबलों में टक्कर कांटे की थी।