निशाद कुमार: पेरिस पैरालंपिक 2024 में हाई जंप में सिल्वर मेडल की चमक

Nishad Kumar India

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत के निशाद कुमार ने पुरुषों की हाई जंप (T47) प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया है। 24 वर्षीय निशाद ने 2.04 मीटर की ऊंचाई तक छलांग लगाई, जो इस सीजन की उनकी सबसे बेहतरीन छलांग थी। इस सफलता के साथ, भारत ने इस पैरालंपिक में सातवां पदक हासिल कर लिया है, जिसमें से तीन एथलेटिक्स में जीते गए हैं।

कड़ी प्रतिस्पर्धा में दूसरा स्थान

इस प्रतियोगिता में निशाद ने 11 खिलाड़ियों के बीच अपनी शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन किया। हालांकि, अमेरिका के रोडरिक टाउनसेंड ने 2.12 मीटर की छलांग लगाकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। टाउनसेंड ने इससे पहले 2021 टोक्यो पैरालंपिक में भी गोल्ड मेडल जीता था, और इस बार भी वे निशाद के लिए बड़ी चुनौती साबित हुए।

निशाद के अलावा, भारत के एक और एथलीट राम पाल ने भी हाई जंप प्रतियोगिता में भाग लिया। राम पाल ने 1.95 मीटर की छलांग लगाई, लेकिन उन्हें सातवें स्थान से संतोष करना पड़ा। उनके प्रदर्शन ने भी भारतीय दर्शकों को गर्वित किया।

निशाद की प्रेरणादायक कहानी

निशाद की सफलता की कहानी भी उतनी ही प्रेरणादायक है। छह साल की उम्र में एक गंभीर हादसे में उनका दाहिना हाथ कट गया था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। उनकी मां, जो खुद एक राज्य स्तरीय वॉलीबॉल खिलाड़ी और डिस्कस थ्रोअर थीं, ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया। निशाद ने 2009 में पैरा-एथलेटिक्स में कदम रखा और अब वे भारत के सफलतम पैरालंपिक एथलीट्स में से एक हैं।

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भारत के पैरालंपिक पदकवीर

इस पैरालंपिक में भारत के पदकवीरों की सूची में निशाद का नाम भी प्रमुखता से शामिल हो गया है। इससे पहले शूटिंग में अवनि लेखरा ने गोल्ड मेडल, मोना अग्रवाल ने ब्रॉन्ज मेडल, और मनीष नरवाल ने सिल्वर मेडल जीता था। एथलेटिक्स में प्रीति पाल ने भी दो ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। निशाद का यह पदक भारत के पैरालंपिक इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ता है।

निष्कर्ष

निशाद कुमार की यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि यह पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। उनकी कहानी और उनका संघर्ष हमें यह सिखाता है कि सच्ची मेहनत और दृढ़ संकल्प से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत के इन पदकवीरों ने दुनिया को दिखा दिया है कि भारत में खेल प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।

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लेखक के बारे में
क्रिकेट विशेषज्ञ

1987 में कोलकाता में पैदा हुए रोहन शर्मा ने 2012 में पुणे विश्वविद्यालय से स्पोर्ट्स सांख्यिकी में मास्टर्स की डिग्री पूरी की। 2013 से 2020 तक, उन्होंने भारतीय क्रिकेट बोर्ड के साथ सहयोग किया, खिलाड़ियों के एनालिटिक्स और खेल रणनीति के अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित किया। शर्मा ने 16 शैक्षिक पेपर लिखे हैं, मुख्य रूप से गेंदबाजी तकनीकों के विकास और फ़ील्ड प्लेसमेंट के परिवर्तन का समर्थन किया। 2021 में, उन्होंने पत्रकारिता में परिवर्तन किया। शर्मा वर्तमान में क्रिकेट पर विश्लेषणात्मक लेख लिखते हैं, मैच गतिकी और खिलाड़ी रणनीतियों पर दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं, नियमित रूप से विभिन्न खेल-केंद्रित प्लेटफ़ॉर्मों में योगदान करते हैं।

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