ऑस्ट्रेलिया में फ़िलिप ह्यूज जैसे हादसे की पुनरावृत्ति: नेट प्रैक्टिस में 17 वर्षीय क्रिकेटर की मौत

मेलबर्न के फर्नट्री गली में नेट प्रैक्टिस के दौरान गेंद गर्दन पर लगने से 17 वर्षीय बेन ऑस्टिन की मौत हो गई। उन्होंने हेलमेट पहना था, लेकिन नेक गार्ड नहीं। घटना के बाद इमरजेंसी स्टाफ़ ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लाइफ़ सपोर्ट पर रखने के बावजूद गुरुवार को उनका निधन हो गया।

घटना कैसे हुई और अस्पताल में संघर्ष

बेन बॉलिंग मशीन से फेंकी जा रही गेंदों का सामना कर रहे थे, तभी एक गेंद सीधा गर्दन पर लगी। प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां दो दिन तक जीवन रक्षक प्रणाली पर रहने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। परिवार ने बताया कि बेन को क्रिकेट बेहद प्रिय था और वे अक्सर दोस्तों के साथ नेट पर अभ्यास करते थे।

परिवार, साथियों और क्रिकेट विक्टोरिया की प्रतिक्रिया

बेन के पिता जेस ऑस्टिन ने कहा कि परिवार ‘हमारे सुंदर बेन’ की मौत से स्तब्ध है और वे उस साथी खिलाड़ी के साथ खड़े हैं जो उस समय मशीन से गेंद करा रहा था। क्रिकेट विक्टोरिया के सीईओ निक कमिंस ने इसे पूरे क्रिकेट समुदाय के लिए “बेहद चुनौतीपूर्ण समय” बताया और बेन को प्रतिभाशाली, लोकप्रिय टीममेट और युवा स्तर पर कप्तान के रूप में याद किया।

फ़िलिप ह्यूज की याद और सुरक्षा का सवाल

कमिंस ने कहा कि चोट का स्वरूप 2014 में फ़िलिप ह्यूज की त्रासदी जैसी थी, जब हेलमेट के नीचे के हिस्से पर गेंद लगी थी। उस घटना के बाद सुरक्षा उपकरणों में सुधार हुए, जिनमें नेक प्रोटेक्टर भी शामिल हैं, लेकिन इस मामले में नेक गार्ड का उपयोग नहीं हुआ था—जिससे दोबारा सुरक्षात्मक गियर की जागरूकता और अपनाने पर सवाल उठता है।

क्लब श्रद्धांजलियाँ और बेन का खेल-सफर

बेन फर्नट्री गली क्रिकेट क्लब की ओर से खेलते थे; क्लब ने उन्हें खुशियाँ बाँटने वाला युवा बताया। वेवर्ली पार्क हॉक्स जूनियर फ़ुटबॉल क्लब के लिए उन्होंने 100 से अधिक मैच खेले—क्लब ने उन्हें दयालु, सम्मानित और प्रतिभाशाली खिलाड़ी के रूप में याद किया। समुदाय ने एक उभरते ‘यंग एडल्ट’ को खो दिया, जिसकी कमी लंबे समय तक महसूस की जाएगी।

लेखक के बारे में
क्रिकेट विशेषज्ञ

1987 में कोलकाता में पैदा हुए रोहन शर्मा ने 2012 में पुणे विश्वविद्यालय से स्पोर्ट्स सांख्यिकी में मास्टर्स की डिग्री पूरी की। 2013 से 2020 तक, उन्होंने भारतीय क्रिकेट बोर्ड के साथ सहयोग किया, खिलाड़ियों के एनालिटिक्स और खेल रणनीति के अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित किया। शर्मा ने 16 शैक्षिक पेपर लिखे हैं, मुख्य रूप से गेंदबाजी तकनीकों के विकास और फ़ील्ड प्लेसमेंट के परिवर्तन का समर्थन किया। 2021 में, उन्होंने पत्रकारिता में परिवर्तन किया। शर्मा वर्तमान में क्रिकेट पर विश्लेषणात्मक लेख लिखते हैं, मैच गतिकी और खिलाड़ी रणनीतियों पर दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं, नियमित रूप से विभिन्न खेल-केंद्रित प्लेटफ़ॉर्मों में योगदान करते हैं।

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