
भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज 2-2 की बराबरी पर समाप्त हुई, लेकिन यदि मैच दर मैच देखा जाए तो भारतीय टीम का पलड़ा काफी भारी था। अंतिम मैच जीतने के बावजूद, खराब फील्डिंग के कारण टीम इंडिया ने सीरीज को ड्रॉ पर खत्म होने दिया।
कैच ड्रॉप से भारत को भारी नुकसान
भारत की खराब फील्डिंग ने इंग्लैंड को कई बार जीवनदान दिया, जिससे भारत को काफी नुकसान हुआ। भारतीय टीम ने इस सीरीज में कुल 23 कैच ड्रॉप किए, जिससे इंग्लैंड को 718 रन का अतिरिक्त फायदा हुआ। दूसरी ओर इंग्लैंड ने भारत के 17 कैच ही ड्रॉप किए, जिससे भारत को 587 रन का फायदा हुआ। कैच ड्रॉप के कारण इंग्लैंड के चार बल्लेबाजों ने शतक लगाए, जबकि भारत के केवल दो बल्लेबाजों को इस तरह का जीवनदान मिला।
हैरी ब्रूक के लिए किस्मत ने किया काम
इंग्लैंड के बल्लेबाज हैरी ब्रूक इस सीरीज में 481 रन बनाकर सबसे लकी रहे। अगर भारतीय टीम ने गलतियां नहीं की होती तो ब्रूक के सिर्फ 240 रन होते। ब्रूक को पहले टेस्ट की पहली पारी में 0 पर जीवनदान मिला था, जब बुमराह ने उन्हें आउट किया था लेकिन ओवर स्टेप होने के कारण ब्रूक बच गए। इसके अलावा, भारतीय बल्लेबाजों में रविंद्र जडेजा सबसे लकी रहे। मैनचेस्टर टेस्ट में उन्हें भी जीरो पर जीवनदान मिला और उन्होंने बाद में शतक ठोका।
इंग्लैंड ने ज्यादा फॉल्स शॉट खेले
इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने पूरे सीरीज में 21% फॉल्स शॉट खेले, जबकि भारत ने केवल 16% फॉल्स शॉट लगाए। फॉल्स शॉट वे होते हैं जब गेंद बल्ले से ठीक से संपर्क नहीं करती या टाइमिंग सही नहीं होती। चौथे टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड से ज्यादा फॉल्स शॉट लगाए, लेकिन किस्मत ने इंग्लैंड का साथ दिया और सीरीज ड्रॉ पर खत्म हो गई।
इस प्रकार, भारत को अपनी फील्डिंग सुधारने की जरूरत है, ताकि अगले मुकाबलों में वे जीत का खाता खोल सकें।