
धर्मशाला में खेले गए तीसरे टी20 में भारतीय गेंदबाजों ने साउथ अफ्रीका को पूरी तरह हिला कर रख दिया। अर्शदीप सिंह, हर्षित राणा, वरुण चक्रवर्ती और कुलदीप यादव – चारों ने दो-दो विकेट झटके और मेहमान टीम को सिर्फ 117 रन पर समेट दिया। जवाब में भारत ने 15.5 ओवर में तीन विकेट खोकर लक्ष्य हासिल किया और मैच 7 विकेट से जीत लिया। अर्शदीप को 4 ओवर में 13 रन देकर दो विकेट लेने के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
इस जीत में सिर्फ गेंदबाज ही नहीं, कोच गौतम गंभीर की चतुर रणनीति भी बड़ा फैक्टर साबित हुई।
बुमराह की जगह हर्षित – पहला मास्टरस्ट्रोक
मैच से पहले ही गंभीर ने प्लेइंग इलेवन में बड़ा बदलाव किया। जसप्रीत बुमराह को आराम देकर उनकी जगह हर्षित राणा को शामिल किया गया। यह जोखिमहीन नहीं था, लेकिन फैसला भारत के पक्ष में गया।
हर्षित ने नई गेंद से अच्छी गति और बाउंस के साथ गेंदबाजी की और 4 ओवर में 34 रन देकर दो महत्वपूर्ण विकेट लिए। उनके साथ अर्शदीप, वरुण और कुलदीप की जोड़ी ने मिलकर साउथ अफ्रीका की बैटिंग लाइन-अप को बांधे रखा, जिसके चलते मेहमान टीम 20 ओवर भी पूरे नहीं खेल पाई और 117 रन पर ऑलआउट हो गई।
आखिरी ओवर पर गंभीर की नज़र – हार्दिक से कुलदीप पर स्विच
असल खेल गंभीर ने तब दिखाया जब साउथ अफ्रीकी पारी 19 ओवर के बाद 115 रन के आसपास थी और क्रीज पर दो नए बल्लेबाज मौजूद थे।
पहले से प्लान यह था कि आखिरी ओवर हार्दिक पंड्या करेंगे। कप्तान सूर्यकुमार यादव भी यही सोच रहे थे। लेकिन डगआउट में बैठे कोच गंभीर ने हालात भांपकर तुरंत प्लान बदल दिया।
उन्होंने फील्डिंग कोच टी. दिलीप को मैसेज दिया कि आखिरी ओवर हार्दिक के बजाय कुलदीप यादव से कराया जाए। टी. दिलीप यह संदेश लेकर संजू सैमसन के पास गए, और सैमसन ओवर शुरू होने से ठीक पहले मैदान पर जाकर सूर्यकुमार को यह बात समझा आए।
गंभीर की लॉजिक साफ थी:
- क्रीज पर दो नए बल्लेबाज
- पिच अब तेज गेंदबाजों की मदद कम कर रही थी
- निचले क्रम के बल्लेबाजों के लिए कुलदीप की मिस्ट्री गेंदें पढ़ना ज्यादा मुश्किल होता
सूर्या ने तुरंत प्लान बदला और आखिरी ओवर कुलदीप को पकड़ाया।
कुलदीप का जादू और प्रोटियाज़ की पारी का अंत
कुलदीप ने गंभीर के फैसले को 100% सही साबित किया। 20वें ओवर में उन्होंने सिर्फ 2 रन दिए और दोनों बचे हुए विकेट अपने नाम कर लिए। साउथ अफ्रीका के निचले क्रम के बल्लेबाज कुलदीप की स्पिन और वैरिएशन समझ ही नहीं पाए और जल्दी-जल्दी आउट होते गए।
अगर आखिरी ओवर हार्दिक के हिस्से आता, तो संभव था कि टेल-एंडर्स कुछ बड़े शॉट लगा कर स्कोर को 130–135 तक ले जाते, क्योंकि उस समय तक पिच पर तेज गेंदबाजों के लिए मदद कम बची थी और डेथ ओवरों में हार्दिक उतने प्रभावी नहीं रहे हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए गंभीर ने रणनीति बदली – और यहीं से मैच पूरी तरह भारत के कंट्रोल में आ गया।
117 के छोटे लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय बल्लेबाज़ों ने बिना किसी हड़बड़ी के खेला और 15.5 ओवर में मैच खत्म कर दिया। इस जीत के साथ भारत ने तीन मैचों की सीरीज़ में 2-1 की बढ़त बना ली और गंभीर की आखिरी ओवर वाली चाल सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।