भारतीय रेसलर विनेश फोगाट, जो अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए जानी जाती हैं, को पेरिस ओलिंपिक 2024 से बाहर कर दिया गया है। इसका कारण था उनका वजन, जो तय कैटेगरी 50 kg से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया। इस घटनाक्रम ने न केवल विनेश को बल्कि उनके प्रशंसकों को भी झकझोर कर रख दिया।
वजन के कारण अयोग्यता
विनेश फोगाट 50 kg कैटेगरी में खेलती हैं। बुधवार को हुए वज़न मापने के दौरान उनका वजन 50 kg से 100 ग्राम अधिक पाया गया, जिसके बाद उन्हें ओलिंपिक महिला कुश्ती प्रतियोगिता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) ने इस निर्णय की पुष्टि कर दी है और कहा है कि वे इस निर्णय के खिलाफ अपील नहीं कर सकते।
रातभर की मेहनत और अस्पताल में भर्ती
विनेश और उनके कोच को मंगलवार रात ही उनके ज्यादा वजन के बारे में पता चल गया था। इसके बाद विनेश पूरी रात जागकर वजन कम करने की कोशिश करती रहीं। उन्होंने जॉगिंग, स्किपिंग और साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज कीं, यहां तक कि अपने बाल और नाखून भी काट दिए, लेकिन उनका वजन निर्धारित सीमा में नहीं आ सका। इस खबर के बाद विनेश की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
प्रधानमंत्री का हस्तक्षेप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया है। उन्होंने इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी उषा से कहा है कि वे रेसलर की मदद के तरीके तलाशें और इस मामले में विरोध दर्ज कराएं। सोशल मीडिया पर विनेश फोगाट की निराशा भरी तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिससे उनके प्रशंसक भी व्यथित हैं।
संघर्ष और सफलता की कहानी
विनेश फोगाट मंगलवार को तीन मुकाबले जीतकर 50 kg रेसलिंग के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर बनी थीं। सेमीफाइनल में उन्होंने क्यूबा की पहलवान गुजमान लोपेज को हराया था। हालांकि अब उनकी जगह सेमीफाइनल में उनसे हार चुकीं क्यूबा की गुजमान लोपेज फाइनल खेलेंगी।
विनेश का यह तीसरा ओलिंपिक था। 2016 के रियो ओलिंपिक में वे चोट के कारण बाहर हो गई थीं और 2020 के टोक्यो ओलिंपिक में वे क्वार्टर फाइनल में हार गई थीं। पेरिस ओलिंपिक में विनेश अपने किसी भी मुकाबले में नहीं हारी थीं और उनके मेडल जीतने की पूरी उम्मीद थी।
भविष्य की उम्मीदें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर विनेश के लिए संदेश लिखा, “विनेश, आप चैंपियंस की चैंपियन हो। आप भारत के लोगों के लिए गर्व और प्रेरणा हैं। आज का झटका दुख देता है, लेकिन मैं जानता हूं कि आप चुनौतियों का डटकर मुकाबला करेंगी।”
निष्कर्ष
विनेश फोगाट का ओलिंपिक से बाहर होना भारतीय खेल प्रेमियों के लिए एक बड़ा झटका है, लेकिन उनके संघर्ष और मेहनत की कहानी प्रेरणादायक है। हम सभी को उम्मीद है कि वे जल्द ही इस चुनौती से उबरकर और भी मजबूत बनकर वापसी करेंगी।