
मैच एक नज़र में
- स्थल: पर्थ
- प्रारूप (बारिश बाद): 26–26 ओवर
- भारत: 136/9 (26 ओवर)
- ऑस्ट्रेलिया (लक्ष्य DLS 131): 131/3, 21.1 ओवर में जीत
- हाइलाइट: कप्तान मिचेल मार्श की निर्णायक पारी
बारिश की वजह से चार बार खेल रुका और मुकाबला 26–26 ओवर का कर दिया गया। भारत के 136/9 के जवाब में DLS के तहत ऑस्ट्रेलिया को 131 का संशोधित लक्ष्य मिला, जिसे उन्होंने आराम से हासिल कर लिया।
गावस्कर का اعتراض: DLS बनाम VJD
सुनील गावस्कर ने मैच के बाद कहा कि DLS को आम दर्शक और खिलाड़ी समान रूप से नहीं समझ पाते और यह हमेशा “बराबरी” का अहसास नहीं देता। उन्होंने भारतीय गणितज्ञों द्वारा विकसित VJD प्रणाली (विनोद जैन-देशपांडे) का ज़िक्र किया, जो उनके मुताबिक दोनो टीमों के लिए अपेक्षाकृत निष्पक्ष परिणाम देती है।
- सुझाव: BCCI घरेलू स्तर पर VJD पर विचार बढ़ाए, ताकि बारिश से बाधित मैचों में लक्ष्य दोनों पक्षों को न्यायोचित लगे।
VJD क्या है? (संक्षेप में)
- बॉल-बॉल प्रोग्रेस, विकेट-फेज़ और रन-स्कोरिंग पैटर्न को अधिक सूक्ष्मता से मॉडल करता है।
- दावा: छोटे ओवर/मल्टीपल स्टॉपेज वाले मैचों में लक्ष्य निर्धारण ज़्यादा संतुलित लगता है।
- स्थिति: ICC की वैश्विक शृंखलाओं में मानक अभी भी DLS ही है; VJD कुछ घरेलू/टूर्नामेंटों में देखा गया है।
रोहित-कोहली से उम्मीद
223 दिनों बाद वापसी करने वाले रोहित शर्मा (8) और विराट कोहली (0) पहली भिड़ंत में चल नहीं पाए। गावस्कर का मानना है कि अगले दो ODIs में दोनों बड़े स्कोर कर सकते हैं—लय मिलते ही भारत 300–320 के पार टीम टोटल पोस्ट कर सकता है।
भारत के लिए आगे का रोडमैप
- टॉप-ऑर्डर को पावरप्ले में बेहतर शुरुआत देनी होगी।
- बारिश/रिडक्शन परिदृश्यों में ओवर-टू-विकेट्स मैनेजमेंट पर फोकस—आखिरी 8–10 ओवर के लिए सेट बैटर बचाना अहम।
- गेंदबाज़ी में “ड्रिज़ल फेज़” के बाद की लंबाई/लाइन एडजस्टमेंट तेज़ी से करना होगा, क्योंकि रिवाइज्ड टारगेट अक्सर रन-रेट बढ़ाता है।
बॉटम लाइन: पर्थ में नतीजा DLS से तय हुआ और उसी पर बहस भी गर्म हुई। तकनीक कौन-सी हो—DLS या VJD—यह नीति-स्तरीय फैसला है, पर टीमों के लिए सीख साफ़ है: बारिश-प्रभावित खेल में संसाधनों (विकेट्स/सेट बैटर्स/डेथ ओवर्स) का सूझबूझ से उपयोग ही मैच पलटता है।