
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 के सीजन में चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) की टीम मुश्किलों का सामना कर रही है। पांच बार की चैंपियन टीम अब तक पांच में से चार मैच हार चुकी है और पॉइंट टेबल में नौवें स्थान पर है। कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं, और अब टीम के महानायक एमएस धोनी की कप्तानी में सीएसके अगले मुकाबले में कोलकाता नाइटराइडर्स से भिड़ेगी। क्या धोनी सीएसके को जीत की राह पर ला सकते हैं? आइए, टीम के तीन बड़े चैलेंज और धोनी की भूमिका पर नजर डालते हैं।
1. मिडिल ऑर्डर की कमजोरी
इस सीजन में सीएसके का मिडिल ऑर्डर संघर्ष कर रहा है। शिवम दुबे, राहुल त्रिपाठी और विजय शंकर ने कुछ मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन लगातार रन बनाने में नाकाम रहे हैं। खासकर, बड़े स्कोर का पीछा करते वक्त मिडिल ऑर्डर ढह जा रहा है, जिससे धोनी और रवींद्र जडेजा को पहले आकर बल्लेबाजी करनी पड़ रही है।
2. डेथ ओवर्स में गेंदबाजी
सीएसके की गेंदबाजी इस सीजन में कमजोर दिखी है, विशेषकर डेथ ओवर्स में। मथीशा पाथिराना और खलील अहमद जैसे गेंदबाजों से रन लुटते हुए दिखे हैं, जिससे विपक्षी टीमों को बढ़त मिल रही है। टीम के पास अच्छे स्पिनर जैसे रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और नूर अहमद हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल डेथ ओवर्स में सही तरीके से नहीं किया जा रहा है।
3. खराब फॉर्म और रणनीतिक चूक
सीएसके की टीम आईपीएल 2025 में रणनीतिक रूप से पिछड़ती नजर आई है। बैटिंग ऑर्डर में बदलाव और गेंदबाजों का सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है, जिससे टीम लगातार हार रही है। गायकवाड़ की कप्तानी में रणनीति थोड़ी डिफेंसिव रही, जिससे विरोधी टीमों ने दबाव बनाया।
क्या धोनी बदल पाएंगे हालात?
एमएस धोनी के कप्तान बनने से सीएसके की उम्मीदें बढ़ गई हैं। धोनी की कप्तानी में टीम ने पहले भी पांच आईपीएल खिताब जीते हैं। उनके शांत रवैये और शानदार रणनीति के कारण, वह बैटिंग ऑर्डर में बदलाव कर सकते हैं, और मिडिल ऑर्डर की कमजोरी को दूर कर सकते हैं। इसके अलावा, धोनी की गेंदबाजी बदलाव करने की क्षमता भी उन्हें डेथ ओवर्स में लाभ दिला सकती है। वह रवींद्र जडेजा का डेथ ओवर्स में और अश्विन को पावरप्ले में उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, इसका असर कितना होगा, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन धोनी के कप्तान बनने से फैंस में उम्मीदें फिर से जागी हैं।