क्रिकेट की दुनिया में रिकॉर्ड्स का अपना अलग ही महत्व होता है, और जब भी क्रिकेट के महान खिलाड़ियों की बात होती है, तो सचिन तेंदुलकर का नाम सबसे ऊपर आता है। सचिन के 100 अंतरराष्ट्रीय शतक और 15,921 टेस्ट रन का रिकॉर्ड क्रिकेट प्रेमियों के लिए गर्व का विषय है। लेकिन अब यह रिकॉर्ड इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज जो रूट की धमाकेदार बल्लेबाजी के कारण खतरे में है। आइए जानते हैं, कैसे रूट इस प्रतिष्ठित रिकॉर्ड के करीब पहुंच रहे हैं।
जो रूट की तेजी से बढ़ती रन संख्या
जो रूट ने हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में 143 रन की शानदार पारी खेली। इस पारी में उन्होंने 206 गेंदों पर 18 चौके लगाए और यह उनका 33वां टेस्ट शतक था। इस शतक के साथ, रूट ने एक्टिव क्रिकेटरों में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले खिलाड़ी का दर्जा हासिल कर लिया है। स्टीव स्मिथ और केन विलियमसन उनके पीछे 32-32 शतकों के साथ हैं, जबकि विराट कोहली 29 शतकों के साथ चौथे स्थान पर हैं।
सचिन का रिकॉर्ड तोड़ने की राह पर रूट?
हालांकि, सचिन के 51 टेस्ट शतकों का रिकॉर्ड अभी भी जो रूट की पहुंच से दूर लगता है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड अब खतरे में है। सचिन ने 200 टेस्ट मैचों में 15,921 रन बनाए थे, जबकि रूट ने 145 मैचों में 12,274 रन बना लिए हैं। रूट की मौजूदा फॉर्म को देखते हुए, वह सचिन के इस रिकॉर्ड को तोड़ने के बेहद करीब पहुंच सकते हैं। फिलहाल रूट सचिन से 3647 रन पीछे हैं, और अगर वे अपनी मौजूदा औसत से रन बनाते रहते हैं, तो यह अंतर जल्द ही कम हो सकता है।
रूट की हालिया फॉर्म: एक नजर
अगर हम जो रूट के हालिया प्रदर्शन की बात करें, तो जनवरी 2021 के बाद से उन्होंने 48 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 56.34 की औसत से 4451 रन बनाए हैं। इस दौरान रूट ने 16 शतक भी लगाए हैं। अगर रूट इसी गति से खेलते रहे और फिट बने रहे, तो उनके पास अगले कुछ सालों में सचिन के रिकॉर्ड को तोड़ने का पूरा मौका होगा।
क्या सचिन का रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा?
जो रूट की मौजूदा फॉर्म और भविष्य के टेस्ट मैचों की संख्या को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड अब सुरक्षित नहीं है। अगर रूट इसी तरह से खेलते रहे तो वे न केवल सचिन के रिकॉर्ड के करीब पहुंच सकते हैं, बल्कि उसे पार भी कर सकते हैं।
सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड एक समय में अजेय माना जाता था, लेकिन अब जो रूट की बेहतरीन बल्लेबाजी और उनकी दृढ़ता ने इसे चुनौतीपूर्ण बना दिया है।